Saturday, March 9, 2013

भोलेदानी सs लालसा

कैलाश केर छोरी बाबा , मिथिला मे एलखिन !
विद्यापति के घरे उगना बनालखिन !!
कलयुग मे प्रभु कोन माया रचैलाखिन !!
हो भोलेदानी यौ !! औघरदानी यौ !! 
सभ के लगाबू बेरापार !!
त्रिपुरारी यौ , हमहू करई ई गुहार !!
हम नई मंगई यौ बाबा अन्न -धन-सोनमा !!
अपना लेल नई अछि यौ भोला कोनों मनकमना !
मिथिला केर फेर करि उद्धार !!
शिवशंकर यौ, भेल अछि जन-गन लाचार !!
अफसर आरु नेता यौ बाबा , सब टा लुटैत अछि !
अहाँ के भक्त लोकेन मुहँ तकैत अछि !!
जियs लेल नई छै कोनों जोगार !
सगरो फैलल छैक भ्रष्टाचार !!
दुखिया के सुनियौ पुकार !!
हो भोलेदानी यौ !! औघरदानी यौ !! 
सभ के लगाबू बेरापार !!
रोटी पर नून नई ककरो , ककरो महल-अटारी !!
हम की कहू यौ शम्भू , विप्पत अछि भारी !!
मिथिला पर करियोंन कोनों विचार !!
विनती करैत छी बारम्बार !!
"मुकेश" केर सुनियोऊ पुकार !! 
हो भोलेदानी यौ !! औघरदानी यौ !! 
सभ के लगाबू बेरापार !!

3 comments:

  1. मंगलवार 24/09/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
    आप भी एक नज़र देखें
    धन्यवाद .... आभार ....

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  2. एक निवेदन

    कृपया निम्नानुसार कमेंट बॉक्स मे से वर्ड वैरिफिकेशन को हटा लें।

    इससे आपके पाठकों को कमेन्ट देते समय असुविधा नहीं होगी।

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    http://www.youtube.com/watch?v=VPb9XTuompc

    धन्यवाद!

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  3. अहांक रचना अति सुन्दर अछि.......

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